Moral stories (नैतिक कहानियाँ) बच्चों के लिए क्यों महत्वपूर्ण होती हैं?
Moral Stories in Hindi for class 5 students or मोरल स्टोरीज क्लास 5 के बच्चो को जरुरी चीज़े सीखाती है। ये कहानिया बहुत ही मजेदार होती है।जब कोई छात्र या बच्चा इन्हे पड़ता है, वह अपने आपको इन कहानियो से जोड़ लेता है और कल्पना की दुनिया में प्रवेश कर लेता है।
नैतिक कहानियाँ हमें बहुत मनोरंजन और ज्ञानवर्धक शिक्षा प्रदान करती हैं। वह इन चरित्रों या चरक्टेर्स के बारे में सोचना शुरू कर देते है। नैतिक कहानिया हमें इंसानी आदतों की अच्छी चीज़ो को सीखने में मदद करती है, जैसे कि ईमानदारी, सच्चाई इत्यादी। बच्चे इन कहानियो को अपनी कक्षा में सुनाते है और बाकि बच्चो के साथ अपने विचार शेयर करते है। इन कहानियो को पढ़कर बच्चो को अच्छे छात्र बनने में मदद मिलती है।
Benefits of Moral stories for class 5 students (कक्षा 5 के छात्रों के लिए नैतिक कहानियों के लाभ)
1 रोचक और मनोरंजक:
नैतिक कहानिया पढ़ने में बहुत ही रोचक होती है, छात्रों को इन्हे पड़ने का बार-बार मन करता है, क्योकि ये बहुत ही मनोरजक भी होती है। ये बच्चो का मन लगा कर रखती है। बच्चे इन्हे पढ़कर इनमे खो जाते है। वह इन्हे पढ़कर बोर भी नहीं होते है।
2 विभिन कल्पना:
नैतिक कहानियो को पढ़कर छात्र कहानियों की दुनिया में खोकर विभिन कल्पनाओ में चले जाते है। ये कहानिया उन्हें अपनी कल्पनाओ में अलग-अलग जगह में ले जाती है। इनसे उन्हें अपने मन में अलग-अलग घटनाओं का चित्र बनाने में मदद भी मिलती है। इनसे ये कहानिया बहुत क्रिएटिव या रचनात्मक बनती है।
3 चरित्रों से सम्भन्ध:
नैतिक कहानियो से छात्रो को चरित्रों से सम्भन्ध बनाने में मदद मिलती है। इन कहानियो के चरित्र ऐसे होते है जिनसे बच्चे आसानी से सम्बन्ध बना लेते है। वह जब इन कहानियो में इन् चरित्रों को मुश्किलों का सामना कर-कर बाहर निकलते हुए देखते है तो उन्हें काफी मोटिवेशन या हिम्मत मिलती है। इनसे उन्हें असली ज़िन्दगी में भी मुश्किलों से बाहर आने में मदद मिलती है।
Moral Stories in Hindi for Class 5:
1.शेर और हिरण
आज हम जिस नैतिक कहानी को अपने छात्रों को सीखाना चाहते हैं, उसका नाम है शेर और हिरण यह कहानी हमें दयालुता के भाव को बच्चों में लाने में मदद करती है। तो कहानी शुरू करते हैं, एक समय की बात है एक घने जंगल में एक शानदार शेर जिसका नाम शेर खान था रहा करता था। वह उसे जंगल का राजा था। उसे शेर खान नामक शहर से सभी जानवर डरते थे।
एक दिन जब शेर खान जंगल में घूम रहा था उसने एक सुंदर हिरण जिसका नाम सुंदरी था, एक नदी के पास पानी पीते हुए देखा। सुंदरी की सुंदरता से शेर खान काफी आकर्षित हुआ। शेर खान सुंदरी की सुंदरता से आकर्षित हो उसकी तरफ बढ़ने लगा। जैसे ही सुंदरी ने शेर खान को अपनी तरफ आते देखा वह समझ गई कि वह शेर खान से अब भाग नहीं सकती। तभी शेर खान ने सुंदरी को जमीन पर दबोच लिया, लेकिन सुंदरी इस वक्त बिलकुल भी घबराई हुई नहीं थी। बल्कि उसने शेर खान से पूछा कि तुम मुझे क्यों हानि पहुँचाना चाहते हो।
सुंदरी की साहस को देखकर शेर खान हैरान हो गया। सुंदरी ने आगे कहा हम सब इस जंगल में अलग-अलग भूमिका निभा रहे हैं, अगर तुम मुझे मारते हो तो प्रकृति का संतुलन बिगड़ जाएगा। शेर खान सुंदरी के इस साहस को देखकर अचंभित रह गया। उसने उसे छोड़ दिया और पीछे हट गया। वह हैरान रह गया कि इस स्थिति में भी सुंदरी ने इतनी बुद्धि मान्यता का प्रदर्शन दिया।
उसके बाद शेर खान और सुंदरी दोस्त बन गए और शेर खान यह समझ गया कि सिर्फ शक्ति ही काफी नहीं होती बुद्धि मानता भी बहुत जरूरी है जो की सुंदरी में है और दोनों ने मिलकर जंगल में एक संतुलन का माहौल बना दिया और दोनों अच्छे दोस्त बन गए।
सीख:इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि ज्ञान भी उतना ही जरूरी होता है जितना की शक्ति। बुरे वक्त में हम अपने ज्ञान से हर मुश्किल परिस्थितियों से बाहर आ सकते हैं।
Moral stories in Hindi for class 5:
2. राजा की लालची इच्छा
एक समय की बात थी एक सामर्थ्यशाली और धनी राज्य था। उसमें एक राजा राज करता था। जिसका नाम था अग्रसेन। इस राज्य में एक विनय नामक किसान भी रहा करता था। वह किसान गरीब जरूर था, लेकिन उसके परिवार और मित्रो के साथ उसके सम्बंध बहुत मधुरता वाले थे। और वह अपने सादगी भरे जीवन से संतुष्ट था।
एक दिन राज्य में राजा को एक जादुई लैंप की खबर मिली। उसे जादुई लैंप से इंसान अपनी सारी इच्छा पूर्ण कर सकता था। राजा को जैसे ही उस लैंप की खबर मिली वह उसे ढूँढने के लिए निकल पड़ा। उसकी सारी सेना भी उसके साथ थी।
राजा में बहुत लालच आ गया था। वह अब सिर्फ धन से संतुष्ट नहीं था, वह अब अपने लिए शक्तिशाली राज्य की कल्पना करने लगा। एक ऐसा राज्य जिसमें सब लोग राजा से डरते हो। यह सोचकर वह बड़ी ही मेहनत से उस लैंप को ढूँढने लगा। अंत में एक घने जंगल के मध्य में उसे वह लैंप मिल गया। उस लैंप को हाथ में लेकर जैसे ही उसने उसे अपने हाथों से घिसा उसमें से एक जादुई जिन बाहर आया। उसने राजा से कहा बोलो राजा क्या मांगते हो? राजा ने बड़े घमंड से उत्तर दिया मैं अपने धन को चार गुणा करना चाहता हूँ और मैं यह भी चाहता हूँ कि मेरे राज्य में सब मुझसे डरे और मेरे सामने झुक कर रहे ताकि कोई भी मेरा सामना नहीं कर पाए। यह सुनकर जिन ने जैसे राजा ने कहा था उसकी इच्छा पूर्ण कर दी।
राजा जैसे ही अपने महल में आया सब लोग उसके सामने सर झुका कर खड़े थे। यह देखकर राजा ठहाके से हंसने लगा। धीरे-धीरे समय व्यतीत होता गया, राजा का धन बढ़ने लगा और राजा का अत्याचार भी बढ़ने लगा। शक्तिशाली होने के साथ अब राजा में कुर्ता भी आ गई थी। वह किसानों को मारता और उनके साथ कुर्ता का बर्ताव करता। यह देखकर सारी प्रजा राजा से दुखी थी। एक दिन सब किसानों ने मिलकर राजा से बात करने की सोची। उन्होंने अपने तरफ से एक किसान विनय जो की मन का बहुत अच्छा था, राजा से बात करने के लिए भेजा।
विनय बिना डरे हुए राजा के पास गया और उसने राजा से कहा आप ऐसी शक्ति का क्या करोगे जब आपकी प्रजा ही आपसे दूर हो जाएगी! केवल आपकी प्रजा ही नहीं आपकी कुर्ता से आपका परिवार भी आपसे दूर हो रहा है। यह सुनकर राजा बहुत अचंभित हो गया।
शक्ति के नशे में उसे यह दिखाई ही नहीं दिया कि उसका परिवार उससे दूर हो रहा है, परंतु जब एक तुच्छ किसान ने उसे अपनी जगह दिखाई तो राजा को यह एहसास हो गया कि वह कितना छोटा है। सब कुछ होते हुए भी उसके पास प्यार और नर्मता नहीं है, जो की एक गरीब किसान के पास है। जैसे ही राजा को यह समझ आया वह तुरंत लैंप को ढूँढने के लिए वापस गया और उसने उस जिन से दोबारा से इच्छा मांगी कि जैसे पहले था वैसा ही कर दो और सब कुछ पहले जैसा था वैसा ही हो गया और दोबारा से वह राज्य प्यार और दया की भावना से भर गया और प्रजा भी बहुत खुश रहने लगी।
सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि प्यार और दयालुता शक्ति से बड़ी होती है, जिस इंसान के मन में प्यार और दया होती है, वह कभी भी किसी के सामने नहीं झुकता और अपनी बात हमेशा कहने की हिम्मत रखता है।
Moral stories in Hindi for class 5:
3. दयालु राक्षस
नमस्कार दोस्तों हमारी अगली कहानी का शीर्षक है दयालु राक्षस। एक घने जंगल में ऊंची पहाड़ियों के बीच एक डरावना राक्षस, भस्मासुर रहता था। उसके तीखे पंजे और चमकदार लाल आंखें थी। वह व्यक्तियों के दिलों में आतंक पैदा कर देता था। ऐसे रूप के बावजूद भस्मासुर की आत्मा और हृदय दयालु थे।
एक दिन भस्मासुर जंगल में भटक रहा था। एक खूबसूरत साफ झरने के पास उसे एक लड़की दिखाई दी। उसका नाम वैदेही था और वह बहुत खूबसूरत थी। भस्मासुर हैरान रह गया जब उसने देखा, उसके भयानक रूप के बावजूद वैदेही उसकी तरफ बड़ी चली आ रही थी। दोनों रोज मिलने लगे उनके बीच अक्सर बातचीत शुरू हो गई। वैदेही ने भस्मासुर की नरम आत्मा और अच्छे स्वभाव को पहचान लिया था। दोनों में प्रेम भावना उत्पन्न हो गई परंतु भस्मासुर हमेशा अपने रूप को लेकर भयभीत रहते थे। उन्हें लगता था इस रूप के साथ कभी भी वैदेही उन्हें प्रेम नहीं कर पाएगी।
एक दिन उन्हें एक संत के बारे में पता चला जो भस्मासुर को इंसानी रूप प्रदान कर सकते थे। भस्मासुर उनके पास हिमालय की चोटी में पहुँचे। वहाँ उन्होंने संत को अपनी इच्छा जाहिर की। संत ने भस्मासुर का कोमल और सच्चा हृदय देखकर तुरंत ही उसकी इच्छा पूर्ण कर दी। भस्मासुर खुशी-खुशी वैदेही के पास गया।
वैदेही भस्मासुर को देखकर हैरान एवं प्रसन्न होकर भस्मासुर के पास आई। वैदेही ने भस्मासुर से कहा आपको अपना रूप परिवर्तित करने की आवश्यकता नहीं थी। मैं आपके बाहरी रूप को नहीं आपके सच्चे मन को प्यार करती हूँ। यह सुनकर भस्मासुर बहुत खुश हो गया और दोनों ने साथ में मिलकर अपना जीवन खुशी से व्यतीत किया।
सीख: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि किसी इंसान से उसके बाहरी रूप से नहीं उसके साफ मन को देखकर दोस्ती करनी चाहिए।
Moral stories in Hindi for class 5:
4. मित्रता का धोखा
नमस्कार मित्रो हमारी अगली कहानी का शीर्षक है मित्रता का धोखा।
एक बड़े जंगल जिसका नाम सुंदरवन था, वहाँ एक शक्तिशाली और पुराने पेड़ की शाखों के नीचे दो दोस्त रहा करते थे। एक थी चालाक लोमड़ी जिसका नाम जय था और एक बुद्धिमान उल्लू थी, जिसका नाम वीरू था। वह दोनों भिन्न होने के बावजूद बहुत अटूट मित्र थे। जय, वीरू की बुद्धिमता और दृष्टिकोण की सराहना करता जबकि वीरू, जय की कुशलता और चालाकी की सराहना करता। जंगल में रहने वाले सभी जानवर उनसे डरते भी थे और उनका सम्मान भी करते थे।
लेकिन समय के साथ जय के मन में वीरू के लिए इर्षा की भावना जाग गई। वीरू की बुद्धिमत्ता के आगे हमेशा जय को झुकना पड़ जाता था। अपने आप को साबित करने के लिए जय ने अपने सबसे प्यारे मित्र को धोखा देने की एक धूर्त योजना बनाई। एक चांदनी रात में जय ने अपने कुछ मित्र इकट्ठे किए और उनके साथ मिलकर वीरू के बारे में गलत अफवाहें फैलाने लगे। जय ने वीरू को ऐसे अपराधों के लिए बदनाम करने की योजना बनाई जो वीरू ने नहीं किए थे।
अगले दिन जंगल अफवाह और झूठे संदेहों से भर गया था। तब जंगल वालों ने सबकी सहमति से वीरू को जंगल से बहिष्कृत कर दिया। वीरू ने जब जय से इस धोखे का जवाब मांगा, तो चालाक लोमड़ी मासूमियत से हंसकर वहाँ से चली गई। वीरू अपने पंख फैलाकर रात में उड़ गया, उसने जंगल को छोड़ दिया, जिसे वह अपना घर समझता था।
जैसे-जैसे दिन हफ्ते में बदलते गए, जय को वीरू की याद आने लगी। आखिरकार वह दोनों अच्छे मित्र थे, परंतु अब जय के पास सिर्फ अफसोस करने के अलावा कुछ नहीं रह गया था। वह अपने दोस्त को उत्सुकता से ढूँढ रहा था लेकिन वह यह अच्छे से जानता था कि कुछ धोके कभी माफ नहीं किया जा सकते।
सीख: इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि हमें दोस्त बहुत समझदारी से बनाने चाहिए और अच्छे दोस्तों को कभी भी नहीं खोना चाहिए।
Moral stories in Hindi for class 5:
5. रामू का परिवर्तन
दोस्तों अब हम जिस कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं उसका नाम है रामू का परिवर्तन।
एक समय की बात है एक छोटे से गाँव में जो की पहाड़ियों और हरियाली से घिरा हुआ था। वहाँ एक छोटा लड़का जिसका नाम रामू था रहा करता था। रामू को गाँव में सबसे सुस्त लड़का माना जाता था। वह हमेशा एक बरगद के पेड़ के नीचे लेटा रहता था और महान होने के सपने देखता रहता था। वह हर प्रकार की जिम्मेदारियाँ से बचता रहता था। उसके माता-पिता ने उसे समझाने के कई प्रयास किये लेकिन वह सफल नहीं हुए। वह आसान जीवन को पसंद करता था। कामों को अक्सर टालता रहता था। पढ़ाई में भी ध्यान नहीं लगाता था। यह मानकर की सफलता उसकी गोद में स्वयं आ जाएगी।
लेकिन जैसे-जैसे समय बीतने लगा उसका आलस्य बढ़ने लगा। उसके अंक गिरने लगे। निराशा और असफलता ने उसका पीछा नहीं छोड़ा। एक पूर्णिमा की रात जब रामू गाँव के मैदान में निराशा की सोच में बैठा हुआ था, उसने गाँव वालों को एक चर्चा करते सुना। वह किसी जादुई कुएँ की बात कर रहे थे। किस्से के अनुसार जो भी उस कुएँ का पानी पीता है, उसे उसकी सर्वोत्तम इच्छाओं को पूरा करने की शक्ति और दृढ़ता प्राप्त हो जाती है। परंतु वह कुआं गाँव से बहुत दूर एक जंगल के मध्य में था। जहाँ पहुँचना बहुत ही मुश्किल था। कोई भी गाँव वाला उस घने जंगल में जाने के बारे में सोचता भी नहीं था।
एक रात रामू उस कुएँ को ढूँढने का निश्चय कर वहाँ से निकल पड़ा। कई दिनों तक भूखा प्यासा वह उस कुएँ को ढूँढता रहा। एक दिन उसे जंगल में एक कुआं दिखा। उस जंगल में उस कुएँ के पास एक झोपड़ी में एक साधु भी बैठा था। रामू ने जब कुएँ में जाकर देखा उसमें पानी, था ही नहीं।
रामू निराश हो गया। फिर उसने साधु के पास जाने की सोची। उसने साधु से कहा मैं इस कुएँ का पानी पीने के लिए कई दिनों से घर से बाहर निकला हुआ हूँ। मैंने कई दिनों से कुछ खाया व पिया भी नहीं है। परंतु यहाँ तो कोई पानी ही नहीं है। साधु ने कहा तुम कब से इस कुएँ की खोज कर रहे हो और क्यों? रामू ने साधु को सारी बात बतलाई। साधु यह जानकर आश्चर्य चकित रह गया कि जो व्यक्ति अपने आप को आलसी कह रहा है वह कई दिनों से भूखा प्यासा इतनी मेहनत कर रहा है।
तब साधु ने रामू को समझाया अगर तुम इतनी मेहनत अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए करते तो अवश्य ही तुम्हें अपना लक्ष्य प्राप्त हो चुका होता और तुम सफल हो चुके होते। रामू ने जैसे ही यह बात सुनी उसे समझ आ गया की सफलता का कोई छोटा रास्ता नहीं होता है। हमें कड़ी मेहनत से हर चीज प्राप्त हो सकती है। चाहे वह कितनी भी मुश्किल हो।
सीख: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि परिश्रम करने वालों की कभी हार नहीं होती। हर व्यक्ति परिश्रम से अपनी जिंदगी में सब कुछ हासिल कर सकता है।
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